By Finance News Desk | 14 September 2024, पुणे | CIBIL Score | By मिताली पाठक
CIBIL Score: लोन के लिए सिबिल स्कोर का महत्व किसी से छिपा नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में इस क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए एक नया नियम जारी किया है। अब ग्राहकों का सिबिल स्कोर हर 15 दिन में अपडेट किया जाएगा। यह नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होगा। इस बदलाव के पीछे क्या उद्देश्य हैं और इसका सीधा असर किस पर पड़ेगा? आइए, जानते हैं कि इस नए नियम से आपको और बैंकों को क्या फायदे या नुकसान हो सकते हैं।
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हर 15 दिन में होगा CIBIL स्कोर अपडेट
आरबीआई के नए नियम के तहत क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (CI) और बैंक हर 15 दिन में सिबिल स्कोर अपडेट करेंगे। मौजूदा समय में यह प्रक्रिया 30 से 45 दिनों में होती है, लेकिन अब इसे और तेज कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में इसकी घोषणा की थी। इससे न केवल ग्राहकों का लेन-देन रिकॉर्ड तेजी से अपडेट होगा, बल्कि बैंकों को भी सटीक क्रेडिट जानकारी उपलब्ध होगी। यह कदम फाइनेंशियल सेक्टर में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ग्राहकों को होगा फायदा
इस बदलाव से सबसे बड़ा फायदा उन ग्राहकों को होगा जो समय पर अपनी सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपने किसी लोन की किश्त चुकाई है या क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान किया है, तो वह आपका सिबिल स्कोर 15 दिनों के भीतर अपडेट कर देगा। इससे आपके सिबिल स्कोर में तेजी से सुधार हो सकता है। मौजूदा स्थिति में यह प्रक्रिया 30-45 दिन में होती थी, जिससे ग्राहकों को नई लोन अप्लाई करते वक्त सही स्कोर न दिखने की समस्या होती थी।
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बैंकों को भी मिलेगा लाभ
बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी इस नियम से फायदा होगा। बैंक सही समय पर क्रेडिट जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जिससे वे अपने ग्राहकों के जोखिम का सही आकलन कर पाएंगे। यह निर्णय बैंकों को NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) को कम करने में मदद करेगा। साथ ही, इससे बैंक लोन पर ब्याज दरों का भी निर्धारण सही तरीके से कर सकेंगे। ग्राहक की अदायगी क्षमता के आधार पर बैंक बेहतर निर्णय ले पाएंगे कि किसे लोन देना है और किसे नहीं।
नुकसान किसे होगा?
इस नए नियम से उन लोगों को नुकसान हो सकता है, जिनका क्रेडिट स्कोर बार-बार डिफॉल्ट के कारण गिरता रहता है। अगर आपने कोई EMI समय पर नहीं चुकाई या क्रेडिट कार्ड भुगतान में देरी की, तो आपका क्रेडिट स्कोर 15 दिनों के भीतर प्रभावित हो जाएगा। इससे आपको अगली बार लोन लेने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि बैंक तुरंत आपकी अदायगी क्षमता की जांच कर लेंगे। यह नियम आपको समय पर भुगतान करने की आदत डालने के लिए प्रेरित कर सकता है, लेकिन इसका असर उन पर नकारात्मक हो सकता है जो लोन अदायगी में चूक करते हैं।
डिफॉल्ट की संख्या में कमी संभव
क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होने से बैंकों के पास ग्राहकों की अदायगी क्षमता की ताजा जानकारी रहेगी। इससे वह उन ग्राहकों को टार्गेट कर सकेंगे जो समय पर लोन चुकाने में सक्षम हैं और बेहतर ब्याज दर ऑफर कर सकेंगे। यह कदम संभावित रूप से डिफॉल्ट की घटनाओं में कमी ला सकता है, क्योंकि अब हर डिफॉल्ट का रिकॉर्ड जल्द से जल्द सामने आ जाएगा। इससे ग्राहकों में भी अनुशासन आएगा और वह समय पर अपने कर्ज चुकाने की कोशिश करेंगे।
कब होगा क्रेडिट डेटा अपडेट?
नए नियम के तहत क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (CI) और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर को हर महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में अपडेट करेंगी। हालांकि, यह तारीखें संस्थानों की आवश्यकताओं के आधार पर बदल भी सकती हैं। क्रेडिट संस्थानों को यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे महीने में कम से कम दो बार ग्राहक का डेटा CIC को दें। इस प्रक्रिया से ग्राहकों के क्रेडिट डेटा का त्वरित और नियमित अद्यतन सुनिश्चित किया जाएगा।
सिबिल स्कोर क्या होता है?
सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो 300 से लेकर 900 के बीच हो सकती है। यह आपके लोन लेने की योग्यता का मापदंड होता है। यह स्कोर आपके पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड के भुगतान और अन्य वित्तीय गतिविधियों पर आधारित होता है। अगर आप अपने लोन और बिल समय पर चुकाते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर बेहतर रहता है, और डिफॉल्ट या देरी से भुगतान करने पर यह स्कोर गिर जाता है। इस नए नियम से आपके सिबिल स्कोर को नियमित रूप से ट्रैक किया जाएगा।
अच्छा सिबिल स्कोर—फायदे
अच्छा सिबिल स्कोर होना किसी भी लोन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है। इससे न केवल आपको लोन आसानी से मिल सकता है, बल्कि आपको बेहतर ब्याज दरें और कुछ विशेष प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर भी मिल सकते हैं। साथ ही, अगर आपका स्कोर अच्छा है तो आपको इंस्टेंट लोन की सुविधा भी मिल सकती है, जिसमें चंद मिनटों में आपके खाते में राशि जमा हो सकती है। इस नए नियम से आप अपने अच्छे सिबिल स्कोर का फायदा और जल्दी उठा सकेंगे।
खराब सिबिल स्कोर—नुकसान
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं। सबसे बड़ी समस्या लोन लेने में होती है। बैंक या फाइनेंस कंपनियां आपको लोन देने में संकोच करेंगी। यदि कोई बैंक आपको लोन देता भी है, तो वह अधिक ब्याज दर पर होगा। साथ ही, इंश्योरेंस कंपनियां भी आपको अधिक प्रीमियम वसूल सकती हैं या इंश्योरेंस देने से मना कर सकती हैं। खराब सिबिल स्कोर होने से आपको घर, कार या पर्सनल लोन लेने में भी समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे करें सिबिल स्कोर सुधार?
सिबिल स्कोर सुधारने के लिए आपको समय पर EMI भुगतान, क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाना और लोन सेटलमेंट से बचना चाहिए। इसके अलावा, अपनी क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को कम रखें और किसी भी जॉइंट लोन या गारंटी के मामलों में सतर्क रहें। आपके स्कोर को बेहतर बनाए रखने के लिए नियमित रूप से सिबिल स्कोर की जांच करते रहें।