By: Financial News Desk | Updated: 22 September 2024 | CIBIL Score
CIBIL Score का बढ़ता महत्व
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लोन और क्रेडिट स्कोरिंग की दुनिया में बड़ा बदलाव किया है। अब CIBIL Score की अपडेटिंग प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिया गया है। 1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले इस नियम के तहत, क्रेडिट संस्थान हर 15 दिन में आपके सिबिल स्कोर को अपडेट करेंगे। इससे न केवल लोन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि ग्राहकों और बैंकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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हर 15 दिन में होगा CIBIL Score अपडेट
अब तक क्रेडिट स्कोर को 30-45 दिनों के अंतराल पर अपडेट किया जाता था, जिससे कई बार लेन-देन का सही रिकॉर्ड सामने नहीं आ पाता था। लेकिन अब हर पंद्रहवें दिन सिबिल स्कोर अपडेट होगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस नियम की घोषणा की है, जिससे बैंकों को ग्राहकों की क्रेडिट स्थिति की बेहतर समझ हो सकेगी। इससे फाइनेंशियल सिस्टम में अधिक पारदर्शिता आएगी और लोन संबंधी निर्णय सही समय पर लिए जा सकेंगे।
समय पर भुगतान करने वालों को फायदा
यह नियम उन ग्राहकों के लिए विशेष लाभदायक होगा, जो समय पर अपनी ईएमआई या क्रेडिट कार्ड का भुगतान करते हैं। अब अगर आपने समय पर भुगतान किया है, तो आपका CIBIL Score 15 दिनों में अपडेट हो जाएगा। इससे लोन अप्लाई करते वक्त सही स्कोर दिखेगा, जिससे लोन स्वीकृति की संभावनाएं बढ़ेंगी। पहले यह प्रक्रिया धीमी थी, जिससे कई बार सही स्कोर का लाभ नहीं मिल पाता था।
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बैंकों के लिए एक बड़ा सुधार
इस नियम से न केवल ग्राहक बल्कि बैंक भी लाभान्वित होंगे। बैंक अब ताजा क्रेडिट जानकारी के आधार पर ग्राहकों के जोखिम का सही आकलन कर सकेंगे। इससे नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) को कम करने में मदद मिलेगी और ब्याज दरें भी सही तरीके से निर्धारित की जा सकेंगी। ग्राहक की अदायगी क्षमता के आधार पर बैंकों को लोन देने के निर्णय लेने में भी आसानी होगी।
डिफॉल्टर्स को होगा नुकसान
यह नियम उन लोगों के लिए एक चेतावनी साबित हो सकता है जो समय पर अपनी किस्तें या क्रेडिट कार्ड बिल नहीं भरते। अब हर 15 दिन में स्कोर अपडेट होने से उनकी क्रेडिट प्रोफाइल तेजी से प्रभावित हो सकती है। इससे भविष्य में उन्हें लोन लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि बैंक तुरंत अदायगी क्षमता की जांच कर सकेंगे।
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डिफॉल्ट की घटनाओं में कमी
इस बदलाव के चलते डिफॉल्ट की घटनाओं में कमी आ सकती है। समय पर अदायगी करने वालों को अब तुरंत लाभ मिलेगा और बैंकों को जल्द ही डिफॉल्टर की पहचान हो जाएगी। इस प्रकार, ग्राहक भी अधिक अनुशासित होंगे और अपने कर्ज को समय पर चुकाने के प्रति जागरूक होंगे। यह कदम संभावित रूप से फाइनेंशियल अनुशासन को बढ़ावा देगा।
क्रेडिट डेटा कब और कैसे अपडेट होगा?
नए नियम के अनुसार, क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (CI) और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) महीने में दो बार क्रेडिट स्कोर को अपडेट करेंगी। महीने की 15 तारीख और महीने के अंत तक ग्राहकों का डेटा CIC को दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी क्रेडिट जानकारी समय पर उपलब्ध हो और बैंकों को ग्राहकों की अदायगी क्षमता की सही जानकारी मिल सके।
CIBIL Score क्या होता है?
CIBIL Score एक तीन अंकों का नंबर होता है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर आधारित होता है। यह 300 से 900 के बीच हो सकता है, और जितना ज्यादा स्कोर, उतनी बेहतर आपकी क्रेडिट योग्यता मानी जाती है। लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान, और अन्य वित्तीय गतिविधियों के आधार पर यह स्कोर निर्धारित होता है। यह स्कोर बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा लोन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अच्छा CIBIL Score और उसके फायदे
अगर आपका CIBIL Score अच्छा है, तो आपको लोन आसानी से मिल सकता है। बैंक आपको कम ब्याज दर पर लोन ऑफर कर सकते हैं और आपको प्री-अप्रूव्ड लोन की सुविधाएं भी मिल सकती हैं। यह नियम अच्छे स्कोर वाले ग्राहकों के लिए एक वरदान साबित होगा, क्योंकि अब उन्हें समय पर सिबिल स्कोर अपडेट होने का फायदा मिल सकेगा।
खराब CIBIL Score के नुकसान
अगर आपका CIBIL Score खराब है, तो आपको लोन लेने में परेशानी हो सकती है। बैंक और वित्तीय संस्थान आपको लोन देने से मना कर सकते हैं या फिर ऊंची ब्याज दर पर लोन देंगे। खराब स्कोर से इंश्योरेंस लेने में भी समस्याएं हो सकती हैं, और कुछ मामलों में इंश्योरेंस कंपनियां अधिक प्रीमियम भी वसूल सकती हैं।
CIBIL Score सुधारने के उपाय
CIBIL Score सुधारने के लिए आपको समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना होगा। साथ ही, आपको अपनी क्रेडिट लिमिट का सही उपयोग करना चाहिए और लोन सेटलमेंट से बचना चाहिए। नियमित रूप से अपना सिबिल स्कोर चेक करते रहें ताकि किसी भी गलती का तुरंत समाधान किया जा सके।
नए नियम से पारदर्शिता
आरबीआई का यह कदम फाइनेंशियल सेक्टर में पारदर्शिता लाने के लिए है। इससे बैंकों को ग्राहकों की वास्तविक क्रेडिट स्थिति का बेहतर आकलन करने का मौका मिलेगा। साथ ही, यह ग्राहकों के लिए एक जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार विकसित करने का साधन बनेगा, जिससे समय पर भुगतान की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
क्या बदल जाएगा?
इस नए नियम के लागू होने के बाद, क्रेडिट संस्थान हर महीने दो बार सिबिल स्कोर अपडेट करेंगे। इससे ग्राहकों को समय पर लोन स्वीकृति में सहूलियत होगी और बैंकों के लिए जोखिम का सही आकलन करना आसान हो जाएगा। यह नियम लोन देने की प्रक्रिया को और तेज और पारदर्शी बना देगा।
CIBIL Score के भविष्य के ट्रेंड्स
इस नियम के लागू होने से CIBIL Score का महत्व और भी बढ़ जाएगा। ग्राहकों को अपनी क्रेडिट हिस्ट्री का ध्यान रखना होगा और समय पर सभी भुगतान सुनिश्चित करने होंगे। यह कदम भारतीय वित्तीय बाजार को और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष: CIBIL Score से जुड़े इस नए RBI नियम ने लोन की प्रक्रिया को और पारदर्शी और तेज बना दिया है। इस बदलाव से ग्राहकों और बैंकों दोनों को बड़ा फायदा होगा, लेकिन यह उन लोगों के लिए चुनौती साबित हो सकता है जो समय पर अदायगी नहीं करते।
Disclaimer:
इस खबर की जानकारी विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा जारी रिपोर्टों के आधार पर तैयार की गई है। खबर में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल जागरूकता और सूचना प्रदान करना है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें या संबंधित संस्थान से सीधे संपर्क करें।