न्यूज़ डेस्क, 19 सितंबर 2024
नई दिल्ली: डिजिटल इंडिया को नई ऊंचाई देने के लिए मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने घोषणा की है कि देशभर में 5 करोड़ Wi-Fi हॉटस्पॉट्स लगाए जाएंगे, जिससे महंगे मोबाइल डेटा प्लान से जनता को राहत मिलेगी। इस नई योजना का उद्देश्य हर नागरिक को किफायती इंटरनेट सुविधा प्रदान करना है। प्रधानमंत्री वाणी (PM-WANI) योजना के तहत यह काम किया जाएगा।free wifi
डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए बड़ा कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर भारतीय नागरिक डिजिटल रूप से जुड़े। हालांकि, महंगे मोबाइल रिचार्ज प्लान इस उद्देश्य में बड़ी बाधा बन रहे हैं। इसी के मद्देनजर, सरकार ने 5 करोड़ Wi-Fi हॉटस्पॉट लगाने का निर्णय लिया है, जो लोगों को किफायती और अनलिमिटेड इंटरनेट की सुविधा देंगे। पीएम-वाणी फ्रेमवर्क में बदलाव कर इसे और प्रभावी बनाया गया है।
हर नागरिक को वाई-फाई की सुविधा
सरकार के इस नए बदलाव के बाद देश का कोई भी नागरिक अपने इलाके में व्यक्तिगत Wi-Fi हॉटस्पॉट शुरू कर सकेगा। अभी तक इंटरनेट की सुविधा मुख्य रूप से मोबाइल टावरों के जरिए दी जा रही है, लेकिन कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या बनी रहती है। ऐसे में सरकार का यह कदम दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच को सुनिश्चित करेगा।
ब्रॉडबैंड से मिलेगी सस्ती इंटरनेट सेवा
पीएम-वाणी योजना के तहत ब्रॉडबैंड Wi-Fi हॉटस्पॉट्स की स्थापना से मोबाइल टावरों के मुकाबले सस्ता इंटरनेट उपलब्ध कराया जाएगा। इससे न केवल इंटरनेट की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि लाखों नए Wi-Fi हॉटस्पॉट्स से लोगों को तेज और सस्ती इंटरनेट सेवा मिलेगी। यह कदम डिजिटल कनेक्टिविटी की दिशा में एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा।
टेलीकॉम कंपनियों का क्या होगा?
Meta, Google, Amazon जैसी बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (BIF) की रिपोर्ट के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों द्वारा उठाए गए आपत्ति को खारिज किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना से सरकार को किसी प्रकार के राजस्व नुकसान की संभावना नहीं है। इसके उलट, 5 करोड़ Wi-Fi हॉटस्पॉट्स से टेलीकॉम कंपनियों को बैंडविड्थ बेचकर हर साल 60 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है।
टेलीकॉम कंपनियों की चिंता
हालांकि, जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी टेलीकॉम कंपनियों को इस योजना से घाटा होने का डर है। उनका कहना है कि इससे उनकी मौजूदा सेवाओं पर असर पड़ेगा और राजस्व में कमी आ सकती है। लेकिन बीआईएफ की रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि पीएम-वाणी योजना से दूरसंचार कंपनियों को अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने के अवसर मिलेंगे।
सरकार की नई गाइडलाइंस
दूरसंचार विभाग ने पीएम-वाणी योजना के लिए पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) एग्रीगेटर के बीच रोमिंग की अनुमति देने वाले दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। इसके तहत अब पीडीओ टेलीकॉम कंपनियों से मोबाइल डेटा ऑफलोड कर सकेंगे, जिससे नेटवर्क की भीड़ को कम किया जा सकेगा। इस बदलाव के बाद लाखों लोगों को सस्ता इंटरनेट मिल सकेगा।
क्या है पीएम-वाणी योजना?
पीएम-वाणी का पूरा नाम प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस है, जिसे 9 दिसंबर 2020 को लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत सार्वजनिक Wi-Fi नेटवर्क के माध्यम से देशभर में ब्रॉडबैंड सेवा का विस्तार किया जाएगा। सरकार इसे “वाई-फाई क्रांति” के रूप में देख रही है, जिससे हर नागरिक को तेज और सस्ता इंटरनेट मिलेगा।
डिजिटल उपकरणों की बढ़ती मांग
आज के समय में स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट टीवी जैसे उपकरण इंटरनेट पर निर्भर हैं। ऐसे में मोबाइल डेटा काफी महंगा और सीमित हो जाता है। पीएम-वाणी योजना के तहत सार्वजनिक Wi-Fi नेटवर्क्स की स्थापना से इन सभी उपकरणों को बेहतर और सस्ती इंटरनेट सेवा मिलेगी।
योजना की धीमी शुरुआत
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी तो दी थी, लेकिन इसके कार्यान्वयन की गति पिछले कुछ वर्षों में धीमी रही है। अब सरकार इसमें तेजी लाने के लिए नए बदलाव कर रही है, जिससे देशभर में वायरलेस इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
देशभर में किफायती इंटरनेट की उम्मीद
मोदी सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया को नई दिशा देने में मददगार साबित हो सकता है। 5 करोड़ Wi-Fi हॉटस्पॉट्स से न केवल डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि हर नागरिक को किफायती इंटरनेट भी मिल सकेगा। इससे दूरसंचार क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है, जिससे देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।