सागर के एक युवा किसान, आकाश चौरसिया, ने आम की पैदावार में एक नई उछाल लाई है। उन्होंने 32 प्रजातियों के आमों का उत्पादन किया है, जिससे उन्होंने अपने किसानी कौशल में नए किरदार दिखाए हैं। उनके अनुसार, जून-जुलाई में आम के पौधे को लगाने से अगस्त में पौधे की जड़ मजबूत हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप…
सागर: आम के पौधे की तेजी से बढ़ती उत्पादन और नई विधि का परिचय
आम, जो फलों का राजा माना जाता है, अब न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी व्यापार का मुख्य उत्साहित केंद्र बन गया है। इसके साथ ही, आम के उत्पादन में भी बड़ी तेजी आ गई है। पहले, आम के पौधे को तैयार करने में 3-4 साल लगते थे, लेकिन अब ऐसी विधि आ गई है, जिससे एक बार में ही उन्हें तैयार किया जा सकता है।
अगर आप भी इस तकनीक का लाभ उठाना चाहते हैं, तो ग्राफ्टिंग पद्धति का सहारा ले सकते हैं। इस तकनीक में, आप किसी भी वैरायटी के आम के पौधे को लगा सकते हैं। पौधों को मानसून के आगमन के समय लगाना बेहतर होता है, जिससे पौधे की जड़ें मजबूत हो जाती हैं।
सागर के युवा किसान, आकाश चौरसिया, ने भी इस तकनीक का अद्वितीय उपयोग किया है। उन्होंने जून-जुलाई में आम के पौधे को लगाया, जिससे उनकी जड़ें मजबूत हो गई। इसके बाद, उन्होंने ग्राफ्टिंग का काम किया, जिससे फलों की पैदावार में बड़ी तेजी से सुधार हुआ।
पौधों को लगाने से पहले, खेत को इस तरह से तैयार करें
पौधों को खेत में लगाने से पहले, खेत को विशेष तरीके से तैयार किया जा सकता है। सामान्य पीएच की मिट्टी में 100 किलो चूना पाउडर और 50 किलो नीम पाउडर को मिलाकर जुताई करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
गर्मी के समय, एक 2×2 फीट का गड्ढा खोदकर उसमें 250 ग्राम चूना पाउडर और 250 ग्राम नीम पाउडर छिड़ककर कम से कम 15 दिनों तक छोड़ देना चाहिए।
इसके अलावा, काली और दोमट मिट्टी में 30 प्रतिशत रेत, 30 प्रतिशत वर्मी कम्पोस्ट या नार्मल कम्पोस्ट, और 40 प्रतिशत मिट्टी का मिश्रण बनाकर उसे गड्ढे में भरकर, पौधों को गड्ढे के केंद्र में लगाना है।
इस प्रकार की खेत की तैयारी से पौधों की उत्पादकता में सुधार हो सकता है और उनकी स्थिरता में भी वृद्धि हो सकती है।
आम के पौधों को लगाने का उचित समय
जब मानसून अपना पहला पन्ना खोलता है, तो उस समय पौधों को लगाने का सही समय आता है। यहाँ तक कि 15 जून से 15 जुलाई के बीच का महीना उत्तम माना जाता है। इस दौरान पौधों को जड़ें जमीन में मजबूती से लग जाती हैं, जिससे वे अगस्त तक सुरक्षित और मजबूत हो जाते हैं। इस प्रकार के पौधों में ग्राफ्टिंग करना भी अब हुआ सरल और सुविधाजनक है।
आम के पौधों को साल में दो बार लगाने का अवसर होता है, जिसमें फरवरी महीने में भी काम किया जा सकता है।
बीमारियों से बचाव: चूना, गोंद और नमक का चमत्कारी मिश्रण
आम के पेड़ में फूल आने से पहले, पेड़ को बीमारियों और कीटों से बचाने के लिए एक विशेष मिश्रण तैयार करें। 10 किलो चूना, 1 लीटर गोंद, और 1 किलो खड़ा नमक को 30 लीटर पानी में मिलाएं। इस मिश्रण को पौधे के तने पर जमीन से तीन फीट की ऊंचाई तक पेंट कर दें। यह नुस्खा दीमक और हानिकारक जीवों से सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे पौधा स्वस्थ रहता है।
बोर आने पर अक्सर ब्लाइट की समस्या होती है, जिससे पौधे के पत्तों और बोर पर काले धब्बे आ जाते हैं। इस समस्या के कारण पत्तियां और बोर गिरने लगते हैं, जिससे फसल को नुकसान होता है। इसके उपचार के लिए 250 ग्राम चूना पत्थर को 15 लीटर पानी में घोल कर स्प्रे करें। इससे ब्लाइट की समस्या दूर हो जाती है और पौधे स्वस्थ बने रहते हैं।
इस प्रकार, चूना, गोंद और नमक का मिश्रण पेड़ को न केवल दीमक और हानिकारक जीवों से बचाता है, बल्कि ब्लाइट जैसी समस्याओं से भी सुरक्षा प्रदान करता है। सही देखभाल और नियमित उपचार से आम के पेड़ की पैदावार में वृद्धि होती है और फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
दूध और शहद से पौधों की सुरक्षा
अगर आम के पेड़ों में फूल नहीं आ रहे हैं, या फूल आने के बाद झड़ जाते हैं, या फिर फल कम लगते हैं और झड़ जाते हैं, तो एक विशेष उपाय अपनाया जा सकता है। फूल आने के समय, 500 मिलीलीटर देसी गाय के कच्चे दूध और 50 मिलीलीटर शहद को मिलाकर छिड़काव करें। इस मिश्रण का छिड़काव दो से तीन बार 8 दिन के अंतराल में करें। यह नुस्खा आम के पेड़ों में फूल और फल को मजबूती देने में सहायक होता है, जिससे फूल और फल झड़ने की समस्या में कमी आती है और उत्पादन बेहतर होता है।
यश रामभाऊ सदाफुले, पुणे निवासी, एक अनुभवी हिंदी कंटेंट राइटर हैं। उन्होंने Mass communication and journalism में अपनी शिक्षा पूरी की है। यश ने अपने करियर की शुरुआत एग्रोन्यूज इंडिया.कॉम से की, जहां उन्होंने कृषि, ऑटोमोबाइल फाइनेंस और खेल विषयों पर विशिष्ट लेखन किया। यश का लेखन गहन शोध और विश्लेषण पर आधारित होता है, जिससे वे अपने पाठकों को सटीक और विस्तृत जानकारी प्रदान कर पाते हैं। उनके लेखन की स्पष्टता और सजीवता पाठकों को जानकारी के साथ-साथ एक रोचक अनुभव भी प्रदान करती है। यश की लेखनी ने उन्हें हिंदी कंटेंट लेखन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।