मुंबई, 14 सितम्बर: वर्षों से बिजली कनेक्शन की प्रतीक्षा कर रहे किसानों के लिए एक नई शुरुआत की गई है। ‘मागेल त्याला सौर कृषिपंप योजना’ (जो मांगे उसे सौर पंप योजना) के तहत अब किसानों को तत्काल सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि पंप उपलब्ध कराए जा रहे हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को न केवल बिजली मिलेगी, बल्कि वे अतिरिक्त बिजली का उत्पादन कर उसे बेच कर भी आमदनी कमा सकेंगे।
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PM Kusum Solar Yojana:मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने महावितरण द्वारा किसानों की रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार किए गए पोर्टल का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने योजना की जानकारी देने वाली पुस्तिका और पोस्टर का भी विमोचन किया। यह कदम किसानों को सौर पंप से जोड़ने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) आभा शुक्ला, महावितरण के अध्यक्ष लोकेश चंद्र, महानिर्मिती के अध्यक्ष डॉ. पी. अनबलगन, महापारेषण के अध्यक्ष संजीवकुमार, उपमुख्यमंत्री के सचिव श्रीकर परदेशी और एमएसईबी होल्डिंग कंपनी के स्वतंत्र निदेशक विश्वास पाठक उपस्थित थे।
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फडणवीस ने कहा कि सौर पैनलों से उत्पादित अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजा जा सकेगा और उसे बिजली कंपनियों को बेचा जा सकेगा, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से किसान अब केवल बिजली उपभोक्ता नहीं रहेंगे, बल्कि बिजली विक्रेता बनकर भी मुनाफा कमाएंगे। 2014 से पहले किसानों को बिजली कनेक्शन की समस्या का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब इस योजना के तहत 90% सब्सिडी के साथ तत्काल सौर पंप दिए जा रहे हैं।
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सौर ऊर्जा पंपों के माध्यम से किसानों को दिन में निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल रही है, जिससे उनकी कृषि गतिविधियों में कोई बाधा नहीं आएगी। सौर पैनलों से 25 वर्षों तक बिजली उत्पन्न होती है, जिसके चलते किसानों को इस अवधि में बिजली बिल नहीं भरना पड़ेगा। एक अनुमान के अनुसार, 7.5 एचपी पंप का उपयोग करने वाले किसान को अगले 25 वर्षों में लगभग 10 लाख रुपये की बचत होगी।
यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘कुसुम बी’ योजना के आधार पर तैयार की गई है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। फडणवीस ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
‘मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0’ के तहत राज्य में 12,000 मेगावाट बिजली उत्पादन के अनुबंध किए गए हैं। अगले दो वर्षों में इस योजना से पूर्ण क्षमता के साथ बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा, जिससे सिंचाई के लिए 100% सौर ऊर्जा किसानों को मिल सकेगी। इससे न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध होगी, बल्कि किसानों को अनुदान और सब्सिडी में भी राहत मिलेगी।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कुछ लाभार्थी किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की और योजना के प्रति उनकी संतुष्टि को साझा किया। किसानों ने भी इस योजना की सराहना की और इसे अपने लिए लाभकारी बताया।
महावितरण के अध्यक्ष लोकेश चंद्र ने अपने भाषण में कहा कि उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले दो वर्षों में किसानों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में काफी वृद्धि हुई है। पहले राज्य में 8.5 लाख से अधिक किसान बिजली कनेक्शन की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन अब यह संख्या नगण्य हो गई है। ‘मागेल त्याला सौर कृषिपंप योजना’ से बिजली कनेक्शन की समस्या इतिहास बन जाएगी। आने वाले तीन वर्षों में राज्य में 10 लाख सौर पंप लगाए जाएंगे, और अब तक 45,000 से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है।