इस विशेष प्रजाति की बकरी को पालने से दूध और मांस दोनों में होगा बड़ा मुनाफा, जानें कौनसी है ये प्रजाति

WhatsApp Group Join Now

नमस्कार मित्रों, आज हम आपके लिए एक अनोखी और लाभदायक बकरी प्रजाति की जानकारी लेकर आए हैं। इस प्रजाति का नाम है संगमनेरी बकरी। यह बकरी विशेष रूप से महाराष्ट्र के पुणे, नासिक, सोलापुर और धुले जिलों में पाई जाती है। इसके अलावा, यह भारत के अन्य कई राज्यों में भी पाली जाती है। संगमनेरी बकरी अपनी उच्च दूध उत्पादन क्षमता और महंगे मांस के लिए जानी जाती है, जिससे बकरी पालकों को अच्छा खासा मुनाफा होता है।

संगमनेरी बकरी का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसे कई प्रकार के दुग्ध उत्पाद बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, इसका मांस भी बहुत मूल्यवान होता है और बाजार में इसकी काफी मांग रहती है। इस प्रजाति की बकरियों को पालना न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाता है।

इस खास प्रजाति की बकरी के बारे में जानें

मित्रों, यदि आप इस विशेष प्रजाति की बकरी का पालन करना चाहते हैं, तो आपको इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां जाननी चाहिए। संगमनेरी बकरी की ऊंचाई मध्यम होती है और इसका रंग मुख्यतः सफेद होता है। इसके शरीर पर काले या भूरे धब्बे भी दिखाई दे सकते हैं। इस बकरी की विशेषता है कि इसके बाल छोटे और घने होते हैं, जो इसे विशिष्ट बनाते हैं।

संगमनेरी बकरी के कान मध्यम आकार के होते हैं और नीचे की ओर लटके रहते हैं, जो इसकी पहचान में सहायक होते हैं। इसके सींग पीछे की ओर मुड़े होते हैं, जो इसे और आकर्षक बनाते हैं।

बकरी पालन से प्राप्त करें शानदार मुनाफा

मित्रों, इस बारीकियों के बारे में बताना चाहता हूँ कि यह बकरी 13 से 14 मीना के अंदर बकरी देना शुरू कर देती है और संगमनेरी बकरी की नर किस्म का वजन 35 से 60 किलोग्राम और मादा बकरी का वजन 25 से 40 किलोग्राम होता है। इन बकरियों में कई बार तो 40% तक जुड़वा बच्चे भी पैदा हो सकते हैं और साथ ही इनका स्तनपान 150 से 160 दिनों तक होता है। इन विशेषताओं के आधार पर आप इन बकरियों की पहचान कर सकते हैं और इनका पालन करके आप अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।

इस प्रजाति की बकरियों की देखभाल सरल है और उनकी प्रजनन क्षमता भी उत्कृष्ट होती है, जो इसे एक उत्कृष्ट विकल्प बनाती है उन लोगों के लिए जो ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।

बाजार में बड़ी मांग

मित्रों, सबसे पहले हम आपको यह बताना चाहेंगे कि संगमनेरी किस्म की बकरियों की कीमत नस्ल, उम्र, वजन और क्षेत्र जैसे कई प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है। इस किस्म की बकरियों की बाजार में बड़ी मांग रहती है और इनका मांस उच्च मूल्य पर बिकता है, साथ ही इनका दूध भी अधिक मात्रा में उपलब्ध होता है। इस प्रजाति के बकरों की बिक्री कीमत 300 से 350 रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है। इसके साथ ही, इस किस्म की मादा बकरी की कीमत 275 से 300 रुपये के बीच में होती है।

Continue Reading More Recent News

sbi

SBI Credit Card: दिवाली से पहले SBI का बड़ा झटका, क्रेडिट कार्ड नियमों में हुआ बदलाव, जानें नई शर्तें

WhatsApp Group Join Now 13 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क 1. SBI Credit Card धारकों के लिए बड़ा बदलाव दिवाली से पहले, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने क्रेडिट कार्ड धारकों को बड़ा झटका दिया है। SBI ने अपने कुछ क्रेडिट कार्ड्स के नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के अनुसार, क्रेडिट … Read more

Personal Loan

Personal Loan में कर रहे हैं बड़ी गलती? जानें लोन अवधि चुनने की ये ट्रिक और बचाएं हजारों!

WhatsApp Group Join Now By Finance Desk | October 13, 2024 Edited By: Deepa Pathak Personal Loan की अवधि: क्यों है सही चुनाव जरूरी? त्योहारी सीजन के दौरान Personal Loan लेने से पहले उसकी अवधि पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। अगर आपने लोन अवधि का सही चुनाव नहीं किया, तो यह आपके बजट पर … Read more

mahada

Mahada “पुणे में घर पाने का सुनहरा मौका! म्हाडा की घरों की लॉटरी मौका छूट न जाए!”

WhatsApp Group Join Now Byline: 10 अक्टूबर 2024, न्यूज़ डेस्क, पुणे 1. पुणे म्हाडा की लॉटरी का ऐलान पुणे म्हाडा ने अपने नवीनतम आवास योजना के तहत 6294 घरों की ऑनलाइन लॉटरी की घोषणा की है। इस योजना में पुणे, पिंपरी-चिंचवड और पीएमआरडीए के साथ-साथ सोलापुर, कोल्हापुर और सांगली जिलों के विभिन्न प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। … Read more

काजू की खेती से पाएं शानदार मुनाफा, हमेशा रहती है जबरदस्त मांग!

WhatsApp Group Join Now व्यवसाय आइडिया: भारत में काजू की खेती का बिज़नेस एक बहुत ही अच्छा विचार है। इस व्यापार में शामिल होकर किसान अच्छी आय कमा सकते हैं। भारत में कुल काजू के उत्पादन का 25 फीसदी हिस्सा होता है और यह क्षेत्र के कई राज्यों में उत्पन्न होता है, जैसे कि केरल, … Read more

Leave a Comment