प्रयागराज, 18 सितंबर 2024, विशेष संवाददाता
Black potato:किसान रवि प्रकाश मौर्य ने परंपरागत खेती से हटकर कुछ अलग करने का फैसला लिया, जिससे न केवल उन्हें पहचान मिली बल्कि सेहत के लिए भी बड़ा योगदान दिया। प्रयागराज के फूलपुर क्षेत्र में काले आलू की खेती कर रहे रवि प्रकाश मौर्य ने ब्लैक पोटैटो को नए स्तर पर पहुंचा दिया है। उनकी यह अनूठी पहल न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है।
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परंपरागत खेती से हटकर नवाचार
अधिकांश किसान गेहूं, धान, गन्ना और सफेद आलू जैसी परंपरागत फसलों की खेती करते हैं, लेकिन रवि प्रकाश मौर्य ने इस लीक से हटकर काले आलू की खेती शुरू की। उनका कहना है कि काला आलू साधारण सफेद आलू की तरह ही उगाया जाता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ बहुत अधिक हैं। पिछले तीन वर्षों से वह अपने खेतों में इस फसल की सफलता से जुड़ी कहानियां बुन रहे हैं।
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काले आलू की अनोखी विशेषताएं
काले आलू को काटने पर भी यह अंदर से काला ही रहता है, जो इसे अनूठा बनाता है। आकार में मध्यम और स्वाद में साधारण आलू के समान होने के बावजूद, यह स्वास्थ्य के लिए कहीं अधिक फायदेमंद है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स, दिल, जिगर और फेफड़ों के लिए बहुत लाभकारी माने जाते हैं। इसके स्वास्थ्य गुण इसे सामान्य आलू से अलग और बेहतर बनाते हैं।
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शुगर के मरीजों के लिए वरदान
रवि प्रकाश मौर्य बताते हैं कि शुगर के मरीजों के लिए सफेद आलू जहां हानिकारक होता है, वहीं काला आलू एक सुरक्षित विकल्प है। इसमें शुगर की मात्रा कम होती है और यह डायबिटीज रोगियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। ब्लैक पोटैटो की सब्जी को शुगर के मरीज बिना किसी झिझक के खा सकते हैं, जिससे उनकी सेहत भी बेहतर बनी रहती है।
खून की कमी और अन्य बीमारियों के लिए लाभकारी
ब्लैक पोटैटो न सिर्फ शुगर के मरीजों के लिए बल्कि खून की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए भी अत्यंत फायदेमंद है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के विभिन्न अंगों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। हार्ट की बीमारियों और फेफड़ों की समस्याओं से लड़ने में यह आलू एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे इसका उपयोग स्वास्थ्य के लिहाज से बढ़ता जा रहा है।
तीन वर्षों की मेहनत और सफलता
रवि प्रकाश मौर्य पिछले तीन वर्षों से काले आलू की खेती कर रहे हैं। उनका कहना है कि काले आलू की खेती करने में जितनी मेहनत सफेद आलू में लगती है, उतनी ही मेहनत इसमें भी करनी पड़ती है। इसके बावजूद, इस अनूठी फसल ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई है और वह इसे खेती के रूप में प्रचारित करने का काम भी कर रहे हैं।
देशभर में काले आलू की बढ़ती मांग
रवि प्रकाश मौर्य के प्रयास सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं रहे। उनके द्वारा भारत के 15 राज्यों में ब्लैक पोटैटो के बीजों की सप्लाई की जा रही है, जिससे देशभर में इस फसल का उत्पादन बढ़े। काले आलू की मांग लगातार बढ़ रही है, क्योंकि लोग इसके स्वास्थ्य लाभों को पहचानने लगे हैं। इसका उत्पादन अब बड़े स्तर पर किया जा रहा है।
स्वास्थ्य और स्वाद का खजाना
काले आलू को स्वास्थ्य और स्वाद दोनों का खजाना कहा जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। रवि प्रकाश मौर्य के अनुसार, यह आलू न केवल किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद है बल्कि इसे खाने वालों के स्वास्थ्य को भी मजबूत बनाता है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता इसका प्रमाण है।
Black potato काले आलू का भविष्य और संभावनाएं
रवि प्रकाश मौर्य का कहना है कि आने वाले समय में काले आलू की खेती और भी ज्यादा किसानों के लिए प्रेरणा बनेगी। इसके पोषक तत्वों और लाभकारी गुणों के कारण इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक अहम स्थान मिल रहा है। यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधार सकता है, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को भी मजबूत बना सकता है।
काले आलू की खेती से किसानों की उम्मीदें
रवि प्रकाश मौर्य की यह पहल अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणादायक है। उन्होंने दिखा दिया है कि कैसे परंपरागत खेती से हटकर नवाचार करने से न केवल पहचान मिलती है बल्कि समाज को भी फायदा होता है। काले आलू की खेती अब एक ट्रेंड बन चुकी है और देशभर के किसान इस ओर आकर्षित हो रहे हैं।
नवाचार से किसान को मिली नई पहचान
काले आलू की खेती ने रवि प्रकाश मौर्य को एक नई पहचान दिलाई है। उनके इस साहसिक कदम ने उन्हें उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित किसानों में से एक बना दिया है। उनकी यह सफलता यह साबित करती है कि नवाचार और कड़ी मेहनत से खेती के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।